बुधवार, 17 फ़रवरी 2016

सरकारी बैंकों में विदेशी निवेश

सरकारी बैंकों में विदेशी निवेश की सीमा 20 फीसदी से बढ़ाकर 49 फीसदी तक की जा सकती है। सीएनबीसी-आवाज़ को मिली एक्सक्लूसिव जानकारी के मुताबिक इसका एलान बजट में किया जा सकता है।

सूत्रों का कहना है कि सरकार का सरकारी बैंकों में 49 फीसदी विदेशी निवेश की छूट का प्रस्ताव है और 49 फीसदी विदेशी निवेश की छूट अप्रूवल रूट से दी जा सकती है। फिलहाल सरकारी बैंकों में 20 फीसदी विदेशी निवेश की छूट है। सरकारी बैंकों में अप्रूवल रूट को जरूर किया जा सकता है क्योंकि इस रूट के जरिए सरकार से मंजूरी के बाद ही निवेश संभव होता है।

सूत्रों के मुताबिक सरकारी बैंकों में 49 फीसदी विदेशी निवेश की छूट के प्रस्ताव को मंजूरी मिल जाती है, तो फिर सरकार बैंकों में किस्तों में हिस्सेदारी घटा सकती है। पिछले महीने आर्थिक मामलों के विभाग ने सरकारी बैंकों में 49 फीसदी विदेशी निवेश के प्रस्ताव को मंजूरी दी और अब इस पर रिजर्व बैंक के अलावा डीआईपीपी से राय मांगी गई है।

दरअसल बैंकिंग के नए नियम बैसेल-3 की शर्तों को पूरा करने के लिए सरकारी बैंकों को पूंजी जरूरत है, ऐसे में विदेशी निवेश की सीमा बढ़ाए जाने से बैंकों को राहत मिल सकती है। बैसेल-3 की शर्तों को पूरा करने के लिए सरकारी बैंकों को साल 2018 तक 2.40 लाख करोड़ रुपये की जरूरत होगी और इतनी बड़ी रकम की जरूरत को सिर्फ सरकारी मदद से पूरा करना मुश्किल है। साथ ही डूबते कर्ज की समस्या और विस्तार योजनाओं के लिए सरकारी बैंकों को और रकम की जरूरत होगी।

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