बैठा के सामने जी भर के दीदार करना
एक रोज़ बाँहों में भर के प्यार करना
मेरी मजबूरी समझना शिकवा ना कोई करना
हम तेरे ही रहेंगे हमारा ऐतबार करना ..
एक रोज़ बाँहों में भर के प्यार करना
मेरी मजबूरी समझना शिकवा ना कोई करना
हम तेरे ही रहेंगे हमारा ऐतबार करना ..
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