मंगलवार, 3 नवंबर 2015

कुछ रूठे हुए लम्हें कुछ टूटे हुए रिश्ते हर

कुछ रूठे हुए लम्हें कुछ टूटे हुए रिश्ते हर कदम पर काँच बन कर जख्म देते है !! 

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें